मंगलवार, 17 फ़रवरी 2015

सभी को सम्मान दें ...।

ये कहानी इक ऐसे व्यक्ति की है जो एक फ्रीजर प्लांट में काम करता था ।

वह दिन का अंतिम समय था व् सभी घर जाने को तैयार थे तभी प्लांट में एक तकनीकी समस्या उत्पन्न हो गयी और वह उसे दूर करने में जुट गया ।

जब तक वह कार्य पूरा करता तब तक अत्यधिक देर हो गयी । दरवाजे सील हो चुके थे व् लाईटें बुझा दी गईं । बिना हवा व् प्रकाश के पूरी रात आइस प्लांट में फसें रहने
के कारण उसकी बर्फीली कब्रगाह बनना तय था ।

घण्टे बीत गए तभी उसने किसी को दरवाजा खोलते पाया ।...
क्या यह इक चमत्कार था ?

सिक्यूरिटी गार्ड टोर्च लिए खड़ा था व् उसने उसे बाहर निकलने में मदद की। वापस आते समय उस व्यक्ति ने सेक्युर्टी गार्ड से पूछा "आपको कैसे पता चला कि मै भीतर हूँ ?" गार्ड ने उत्तर दिया " सर, इस प्लांट में 50 लोग कार्य करते हैँ पर सिर्फ एक आप हैँ जो सुबह मुझे हैलो व् शाम को जाते समय बाय कहते हैँ ।

आज सुबह आप ड्यूटी पर आये थे पर शाम को आप बाहर नही गए । इससे मुझे शंका हुई और मैं देखने चला आया ।

वह व्यक्ति नही जानता था कि उसका किसी को छोटा सा सम्मान देना कभी उसका जीवन बचाएगा ।

याद रखेँ, जब भी आप किसी से मिलते हैं तो उसका गर्मजोश मुस्कुराहट के साथ सम्मान करें । इसमें आपको भी ख़ुशी मिलेगी और सामने वाले व्यक्ति को भी । हमें नहीं पता पर हो सकता है कि ये आपके जीवन में भी चमत्कार दिखा दे ।

रविवार, 14 दिसंबर 2014

सबसे बड़ा रोग क्या कहेंगे लोग.....??

दोस्तों , आपने ये गाना तो जरूर सुना होगा "कुछ तो लोग कहेंगे लोगों का काम है कहना...." हमारे सामाजिक और व्यक्तिगत जीवन में कई बार ऐसे मोड़ आते है जब हम लोगों की हमारे व्यक्तित्व और काम के बारे में परोक्ष या प्रत्यक्ष रूप से उनकी नकारात्मक राय जानकर हताश और निराश हो जाते है । ऐसा अक्सर तब होता है जब हम कोई काम दूसरे व्यक्ति को प्रभावित करने के लिए या फिर प्रशंसा पाने के लिए करते है ।कई दफ़े तो इस प्रकार का मत या टिप्पणी सही भी होती है जिसे सकारात्मक आलोचना कहते है । सकारात्मक आलोचक अक्सर हमारे हितैषी ही होते है ।इनकी पहचान बहुत सरल है, ये हमारे सामने हमारे काम की प्रशंसा के साथ साथ हमारी कमियों की ओर हमारा ध्यान आकृष्ट करते है । ये किसी दूसरे व्यक्ति से हमारे पीठ पीछे बुराई नहीं करते है । इनकी टिप्पणी या आलोचना रचनात्मक होती है ।  इस तरह की आलिचनाओं को हमें स्वीकार कर उसे अपने जीवन में अंगीकार करना चाहिए ।
परंतु कई बार नकारात्मक राय हमसे या हमारे काम से चिड़ या दुर्भावना का नतीजा होती है। इनकी नकारात्मक बातों पर ध्यान न दें और अपने काम पर फोकस करें। इनकी बातों के बजाये अपने काम के बारे में हमारी खुद की राय ज्यादा महत्त्व रखती है । हमें हमारे लक्ष्य पर पूरा भरोसा होना चाहिए । नकारात्मक बातों को एक कान से सुन दूसरे कान से निकाल दें । ऐसी बातों को भूल कर भी अपने मस्तिष्क में स्थान नहीं दें । ऐसे विचार और राय हमारे आत्मविश्वास पर काफी नकारात्मक प्रभाव डालते है । किसी ने खूब कहा है " नजर अंदाज करों उन लोगों को जो आपकी पीठ पीछे आपके बारे में बातें करते है,क्योंकि वे उसी जगह है, जहाँ वे रहने के लायक है, 'आपके पीछे'...!!!"
इसी तरह अपने पीठ पीछे बुराई करने वालों से भी बचें। ये लोग हमारे सामने चापलूसी भरी बातें करते है तथा दूसरों की हमारे सामने बुराई करते है । इनकी फितरत ही ऐसी होती है ।भूल कर भी ऐसे लोगों के साथ अपनी गोपनीय बातें शेयर न करें। नहीं तो वक्त आने पर तथा अपना काम निकलने के लिए आपको ब्लैकमेल कर सकते है । आपका गुप्त भेद सार्वजनिक भी कर सकते है । जिससे आपको अच्छी खासी परेशानी उठानी पड़ सकती है ।

शुक्रवार, 7 नवंबर 2014

लाओ त्सू के विचार

 लाओ त्सू एक प्रसिद्ध चीनी दार्शनिक , लेखक और विचारक थे । इन्हें ते चिंग नाम से भी जाना जाता है । इनकी विचारधारा पर आधारित चीन में ताओ धर्म प्रचलित है ।  

● ज़िदगी स्वाभाविक बदलावों का नाम है , इन्हें रोकें नहीं । इससे तकलीफ ही होगी । सच्चाई को सच्चाई रहने दें । जिंदगी में जो घटनाएँ हो रही है , उन्हें होने दें ।

● सेहत सबसे बड़ी संपत्ति है , संतोष सबसे बड़ा खजाना है । आत्मविश्वास सबसे बड़ा दोस्त है । अस्तित्व में न होना सबसे बड़ा आनंद है ।

● मौन रहेंगे तो इससे खुद को ताकतवर बना सकेंगे ।

● शब्दों में दया भाव रखने से आत्मविश्वास बढता है । विचारों में दया भाव रखने से गंभीरता आती है और देनें में दया भाव रखने से प्रेम बढता है ।

● सिखने के लिए केवल तीन ही चीजें होती है - जीने में सरलता ,संघर्ष और कठिन हालात में धैर्य और दूसरों के प्रति सहानुभूति । ये तीनो मिलकर जिंदगी का सबसे बड़ा खजाना बनाते है ।

● कठिन काम उस वक्त करो , जब वे आसान हो और महान काम उस समय करो , जब वे छोटे हो । हजार मीलों की यात्रा की शुरुआत एक छोटे कदम से होती है ।

● अगर आप यह मानने लगते है कि सारी चीजें बदलने वाली है तो आप उन्हें थामे रखने की कोशिश नहीं करेंगे । अगर आपको मौत का डर नहीं है तो दुनिया में ऐसा कुछ भी नहीं है , जिसे आप हासिल नहीं कर सकते है ।

● बुद्धिमान व्यक्ति वही है , जो यह जानता है कि वह कुछ नहीं जानता है । जो जानता है , वह बोलता नहीं है । जो बोलता है , वह जानता नहीं है ।

● दूसरों को जानना बुद्धिमानी है । खुद को जानना सच्ची बुद्धिमानी है । दूसरों पर राज करना ताकत है । खुद पर राज करना सच्ची ताकत है । अगर आप यह मान लेते हैं कि आपके पास पर्याप्त है तो आप सच्चे धनवान है ।

रविवार, 18 अगस्त 2013

जीना तो नहीं भूल गये....



दोस्तों,

आज मैं आपके साथ एक ऐसी कविता साझा करने जा रहा हूं जिसमें काव्यगत सौन्दर्यता के नाम पर कुछ विशेष नहीं है । लेकिन यह कविता आपके जीवन के प्रति नजरिये को बदल सकती है । यह कविता मैंने किसी फेसबुक पेज के वाल पर देखी थी । इसके रचनाकार के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है । मैं इस कविता के अज्ञात लेखक के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करता हुं । कविता का शीर्षक है ,  "जीना तो नहीं भूल गये " .....

जीना तो नहीं भूल गये

पहले  हाई स्कूल अच्छे नंबरों से पास करने के लिये वो मरते रहे ,

फिर कॉलेज पूरा करने के लिये डटे रहे ताकि कमाना शुरु कर सकें,

फिर शादी के लिये बेचैन रहे,

और  फिर बच्चों के लिये,

फिर बच्चे बडे होकर कुछ बन जाऍ,

इस कोशिश में तपते रहे ,

फिर एक दिन वो रिटायर हो गये काम से ,

और आज जिंदगी  से रिटायर हो रहे है ,

क्योंकि मौत दरवाजे पर दस्तक दे रही है...

और अचानक उन्हें लग रहा है ,

जिंदगी की भागमभाग में वो जीना तो भूल ही गये थे ,

कही आप  तो  वो  नही...

आप अपने साथ ऐसा मत होने देना  ,

ऐ दोस्त जमकर जीना और उल्लास से जीना...

दोस्तों यह कविता आज के अधिकांश युवाओं की जिंदगी की हकीकत बयां करती है ।  व्यक्ति कल की चिंता में अपने आज को कभी सही ढ़ंग से जी नहीं पाता है । हाँ , व्यक्ति का अपने कल को लेकर सजग रहना अच्छी बात है लेकिन, उसके चक्कर में अपने आज को चिंता और तनाव जैसे नकारात्मक भावों से खराब करना सही नहीं है । चूंकि आपके आगे आने वाले जीवन को संवारने के लिए आपको पर्याप्त समय मिलता है , लेकिन बीता हुआ समय कभी वापस लौट कर नहीं आता है ।

दोस्तों इस कविता को दोबारा पढें और गौर करें कि कहीं  ये पंक्तियां आपके जिंदगी जीने के ढ़ंग को कहीं बयां तो नहीं कर रही है । अगर हाँ , तो आज से ही अपने जीवन के प्रति दृष्टिकोण को बदलें । अपने जीवन के हर छोटे से छोटे खुशी के पल को खुल कर जीएं और इन पलों को दुसरों के साथ साझा करें ।

रविवार, 21 जुलाई 2013

SWOT ANALYSIS TECHNIQUE IN HINDI




दोस्तों, 

आज मैं आपके साथ एक ऐसी आत्मविश्लेषण करने की तकनीक  swot analysis technique in hindi  साझा करने जा रहा हुं , जिसके जरिये हम खुद का एक विश्लेषणात्मक मुल्यांकन कर सकते है ।

आइए जानते है क्या है यह तकनीक? 

इस तकनीक का नाम है SWOT Analysis. इसकी सहायता से हम अपनी खुबियों,  कमजोरियों,  अवसरों और चुनौतियों के बारे में जान सकते है । इसमें हमें अपने आप से कुछ सवाल पुछकर उनके उत्तर देना है । सामान्य तौर पर यह पाया गया है कि जितनी आसानी से हम दुसरों की कमियों और खुबियों का मुल्यांकन कर सकते उतनी आसानी से स्वयं का मुल्यांकन नहीं कर पाते है । परन्तु ये बात भी सच है कि जितनी सटीकता और वास्तविकता से हम अपना मुल्यांकन कर सकते है ऐसा ओर कोई दुसरा व्यक्ति नहीं कर सकता है । हमारी खुबियां  और कमियां हम से बेहतर और कौन जान सकता है ?

तकनीक का इस्तेमाल कैसे करें ?

सबसे पहले एक पेन और कागज साथ में लें और किसी एकान्त और शांत जगह पर चले जाएं । यह शांत जगह आपका कमरा,  छत,  कुछ भी हो सकती है । अब कागज को चार बराबर हिस्सों में बांट लें और उसके चार भागों में अंग्रजी के अक्षर S (Strengths) , W (Weaknesses) , O  (Opportunities) और T  (Threats)  लिखें । इसमें से पहले और तीसरे हिस्से वाली चीजें आपके लिए Helpful यानि कि उपयोगी है तथा दुसरे और चौथे हिस्से वाली चीजें Harmful है यानि कि नुकसानदायी ।

अब एक एक करके नीचे दिए गए इन प्रश्नों के उत्तर संबंधित भाग में लिखते जाएं । याद रखें इन सवालों के उत्तर आपको पुरी निष्पक्षता और ईमानदारी से देने है । जवाब लिखने में किसी तरह की जल्दबाजी न करें ।

S -> Strengths यानि खुबियां,  ताकत and all positive things about you.

1. मेरे अंदर क्या कौशल और क्षमताएं हैं?

2. मैं किन क्षेत्रों में कामयाबी हासिल कर सकता हुं? 

3. मेरा विलक्षण गुण क्या है? 

4. कौन से व्यक्तिगत गुण,  मूल्य मुझे सफलता दिलाएंगें ?

W -> Weaknesses यानि कमजोरियां , अवगुण and all negative things about you .

5. कौन - कौन से नकारात्मक विचार मेरे अंदर है? 

6. मेरी क्षमताओं में किन चीजों की कमी है?

7. मुझे कौन से कौशल हासिल करने है? 

8. मैं अपने जीवन के कौन से क्षेत्रों में सुधार कर सकता हूं ?

O -> Opportunities यानि उपलब्ध सुअवसर

9. मेरे लिए कौन से अवसर उपलब्ध है ?

10. कौन-सी परिस्थितियां मुझे मेरे लक्ष्य तक पहुंचने में सहायता करेंगीं ।

11. कौन-से लोग मेरी सहायता और सहयोग कर सकते है ?

T -> threats यानि बाधाएं , खतरे , Fear , मुसीबतें आदि ।

12. मुझे किन बाधाओं का सामना करना है ?

13. कौन-से विचार मेरे विकास में बाधक है ?

14. कौन-से डरों ने मुझं जकड़ा हुआ है ?

15. कौन-से लोग मेरी प्रगति में बाधा बन सकते हैं ?

अब लिखे गए आपके इन जवाबों को दो - तीन बार तसल्ली से पढें । S हिस्से में जितने जवाब है वह सब आपके लक्ष्य को हासिल करने में आपके सहायक तत्व है । W वाले हिस्से में लिखे हुए जवाब आपकी सफलता और अच्छे काम में  बाधक तत्व हैं । अब ये आपके ऊपर है कि आप अपनी इन कमजोरियों से कैसे निपटते है ?  O हिस्से में लिखे हुए जवाब आपके लिए सफलता के द्वार है । ये द्वार कभी- कभी ही खुलते है । इसलिए आपके सामने लिखे हुए  O हिस्से के जवाबों को अच्छे से पढें । और  इनका फायदा उठायें । अब T हिस्से के जवाबों को पढें । ये सभी आपकी सफलता की राह के कांटें हैं जिनसे आपको बचना है ।

मैं आशा करता हुं कि ये लेख आपके लिए उपयोगी सिद्ध होगा । ..