रविवार, 14 दिसंबर 2014

सबसे बड़ा रोग क्या कहेंगे लोग.....??

दोस्तों , आपने ये गाना तो जरूर सुना होगा "कुछ तो लोग कहेंगे लोगों का काम है कहना...." हमारे सामाजिक और व्यक्तिगत जीवन में कई बार ऐसे मोड़ आते है जब हम लोगों की हमारे व्यक्तित्व और काम के बारे में परोक्ष या प्रत्यक्ष रूप से उनकी नकारात्मक राय जानकर हताश और निराश हो जाते है । ऐसा अक्सर तब होता है जब हम कोई काम दूसरे व्यक्ति को प्रभावित करने के लिए या फिर प्रशंसा पाने के लिए करते है ।कई दफ़े तो इस प्रकार का मत या टिप्पणी सही भी होती है जिसे सकारात्मक आलोचना कहते है । सकारात्मक आलोचक अक्सर हमारे हितैषी ही होते है ।इनकी पहचान बहुत सरल है, ये हमारे सामने हमारे काम की प्रशंसा के साथ साथ हमारी कमियों की ओर हमारा ध्यान आकृष्ट करते है । ये किसी दूसरे व्यक्ति से हमारे पीठ पीछे बुराई नहीं करते है । इनकी टिप्पणी या आलोचना रचनात्मक होती है ।  इस तरह की आलिचनाओं को हमें स्वीकार कर उसे अपने जीवन में अंगीकार करना चाहिए ।
परंतु कई बार नकारात्मक राय हमसे या हमारे काम से चिड़ या दुर्भावना का नतीजा होती है। इनकी नकारात्मक बातों पर ध्यान न दें और अपने काम पर फोकस करें। इनकी बातों के बजाये अपने काम के बारे में हमारी खुद की राय ज्यादा महत्त्व रखती है । हमें हमारे लक्ष्य पर पूरा भरोसा होना चाहिए । नकारात्मक बातों को एक कान से सुन दूसरे कान से निकाल दें । ऐसी बातों को भूल कर भी अपने मस्तिष्क में स्थान नहीं दें । ऐसे विचार और राय हमारे आत्मविश्वास पर काफी नकारात्मक प्रभाव डालते है । किसी ने खूब कहा है " नजर अंदाज करों उन लोगों को जो आपकी पीठ पीछे आपके बारे में बातें करते है,क्योंकि वे उसी जगह है, जहाँ वे रहने के लायक है, 'आपके पीछे'...!!!"
इसी तरह अपने पीठ पीछे बुराई करने वालों से भी बचें। ये लोग हमारे सामने चापलूसी भरी बातें करते है तथा दूसरों की हमारे सामने बुराई करते है । इनकी फितरत ही ऐसी होती है ।भूल कर भी ऐसे लोगों के साथ अपनी गोपनीय बातें शेयर न करें। नहीं तो वक्त आने पर तथा अपना काम निकलने के लिए आपको ब्लैकमेल कर सकते है । आपका गुप्त भेद सार्वजनिक भी कर सकते है । जिससे आपको अच्छी खासी परेशानी उठानी पड़ सकती है ।

शुक्रवार, 7 नवंबर 2014

लाओ त्सू के विचार

 लाओ त्सू एक प्रसिद्ध चीनी दार्शनिक , लेखक और विचारक थे । इन्हें ते चिंग नाम से भी जाना जाता है । इनकी विचारधारा पर आधारित चीन में ताओ धर्म प्रचलित है ।  

● ज़िदगी स्वाभाविक बदलावों का नाम है , इन्हें रोकें नहीं । इससे तकलीफ ही होगी । सच्चाई को सच्चाई रहने दें । जिंदगी में जो घटनाएँ हो रही है , उन्हें होने दें ।

● सेहत सबसे बड़ी संपत्ति है , संतोष सबसे बड़ा खजाना है । आत्मविश्वास सबसे बड़ा दोस्त है । अस्तित्व में न होना सबसे बड़ा आनंद है ।

● मौन रहेंगे तो इससे खुद को ताकतवर बना सकेंगे ।

● शब्दों में दया भाव रखने से आत्मविश्वास बढता है । विचारों में दया भाव रखने से गंभीरता आती है और देनें में दया भाव रखने से प्रेम बढता है ।

● सिखने के लिए केवल तीन ही चीजें होती है - जीने में सरलता ,संघर्ष और कठिन हालात में धैर्य और दूसरों के प्रति सहानुभूति । ये तीनो मिलकर जिंदगी का सबसे बड़ा खजाना बनाते है ।

● कठिन काम उस वक्त करो , जब वे आसान हो और महान काम उस समय करो , जब वे छोटे हो । हजार मीलों की यात्रा की शुरुआत एक छोटे कदम से होती है ।

● अगर आप यह मानने लगते है कि सारी चीजें बदलने वाली है तो आप उन्हें थामे रखने की कोशिश नहीं करेंगे । अगर आपको मौत का डर नहीं है तो दुनिया में ऐसा कुछ भी नहीं है , जिसे आप हासिल नहीं कर सकते है ।

● बुद्धिमान व्यक्ति वही है , जो यह जानता है कि वह कुछ नहीं जानता है । जो जानता है , वह बोलता नहीं है । जो बोलता है , वह जानता नहीं है ।

● दूसरों को जानना बुद्धिमानी है । खुद को जानना सच्ची बुद्धिमानी है । दूसरों पर राज करना ताकत है । खुद पर राज करना सच्ची ताकत है । अगर आप यह मान लेते हैं कि आपके पास पर्याप्त है तो आप सच्चे धनवान है ।