रविवार, 5 मई 2013

कामयाबी की राह


Friends, आज के जमाने ऐसा कौन व्यक्ति है जो अपने Field में Sucessfull नहीं बनना चाहता है।चूंकि सभी के Working field अलग - अलग होते है अत: उनके लिए कामयाबी के मायने भी  अलग - अलग होते है। कोई Successfull Doctor, Engineer, Teacher, businessman आदि तो कोई सफल खिलाड़ी, कलाकार, लेखक आदि बनना चाहता है। परंतु सभी का लक्ष्य एक ही होता है, अपने कार्यक्षेत्र में शिखर तक पहुंचना। हम यहां पर आपके साथ कुछ ऐसे ही Points पर चर्चा करेंगे जो आप सभी के लिए उपयोगी है चाहे , आप किसी भी क्षेत्र से संबंधित हो। तो आइए अब बात करते है उन महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर.....

सफल होने की प्रबल इच्छा । दोस्तों कामयाबी की राह का सबसे पहला बिन्दु है सफल होने का प्रबल इच्छा।जब कोई व्यक्ति यह सोचता ही नही कि मुझे अपने क्षेत्र में कामयाब इंसान बनना है तब वह सफल कैसे हो सकता है ?

आपके सामने अपना लक्ष्य या Goals स्पष्ट होना । कामयाबी की राह का दुसरा पड़ाव है , अपना लक्ष्य बनाना । जो व्यक्ति यह नहीं जानता है कि उसे जाना कहां है, वह कभी अपनी मंजिल को नहीं पा सकता । इसलिए पहले अपनी मंजिल ( लक्ष्य ) तय करें और फिर सफलता के मार्ग पर आगे बढते हुए अपने लक्ष्य को हासिल करने का प्रयास करें ।

अपने Goals के प्रति हमेशा Focused रहैं । लक्ष्य बनाने के बाद तीसरा कदम होता है , अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए हमेशा सुझबुझ और ईमानदारी के साथ प्रयास करें । स्वामी विवेकानन्द ने कहा है "अपने जीवन का लक्ष्य बनाएं। हर समय उसका चिंतन करो, उसी का स्वप्न देखो और उसी के  सहारे जीवित रहो ।"

कठिन परिश्रम ।अब आता है चौथा कदम कठिन परिश्रम यानि कि Hard Work .    ये बात याद रखें जो व्यक्ति केवल कोरे ख्वाब देखता वह कभी सफल नहीं हो सकता है। सपने जरुर देखें , खुब देखे लेकिन उन्हें कार्यरुप मे भीं बदलें तभी आप सफल व्यक्ति  बन सकते है।

अपने काम के प्रति समर्पित (Dedicated ) भाव का होना। जीवन के हर क्षेत्र में सफल होने के लिए व्यक्ति के मन में समर्पण का होना बेहद जरुरी है। आप जो भी काम अपने हाथ में लेते है उसे पुरे मन, वचन और कर्म से अंजाम दें। अपने काम के साथ साथ अपने Family , समाज और देश के प्रति भी समर्पित रहें।

असफलता को स्वीकारना । दोस्तों अब बात करते है छठे कदम की वह है असफलता या Failures. एक विद्वान का मत है " असफलताएं जितनी बड़ी होगी, सफलताएं भी उतनी ही बड़ी होंगी। " अगर आपने कोई काम शुरु किया है तो जितनी सफल बोने की संभावना है उतनी ही असफल होने की भी । हर काम में Risk होता है जिसने खतरा उठाया वह आगे बढ़ गया और जिसने Failures के डर से Risk नहीं लिया वह वहीं का वहीं रह गया । अत: असफलता से Disappointed नहीं होना चाहिए और  गलतियों से सीख लेते हुए नई ऊर्जा और सोच के साथ पुन: प्रयास करना चाहिए।

☞ अपनी गलतियों से सिखना । दोस्तों गलतियां करना मनुष्य का स्वभाव है और ये भी सत्य है कि उसे अपने गलतियों से जो सीख मिलती है वह ओर  कहीं से या Books से नही मिल सकती है। अत: अपने गलतियां से सीख लेकर उन्हे Future में न दोहराने का प्रण करें।

☞ दुसरों से सीखें । दोस्तों याद रखें हमारा जीवन इतना लंबा नहीं है कि हम प्रत्येक बार  गलतियां करके फिर सीखें । इसलिए समझदारी इसी में है कि हम दुसरों के अनुभवों का फायदा उठायें ।

काम में निरंतरता बनाएं रखें । सफल होने के लिए अपने काम में Continuity बनाए रखना जरुरी है , नहीं तो आपका  हाल भी वही होगा जो खरगोश और कछुए की कहानी में खरगोश का होता है । धीरे - धीरे ही सही परंतु निरंतर अपने लक्ष्य प्राप्ति का मार्ग पर चलते रहें ।

जो भी करें अपना श्रेष्ठ दें। कई बार हम लोगों को यह कहते हुए सुनते है कि क्या करुं ? यार मजबुरी  से काम करना पड़ रहा है । मजबुरी से किए हुए काम में वह आनन्द नही मिलता जो दिल से किए काम में मिलता है । अत: काम छोटा हो या बड़ा हमेशा मेहनत और लगन से करें और अपना Best देने का प्रयास करें। अत: ऊपर बताई हुई इन दस बातों को ध्यान में रखते हुए अपना लक्ष्य निर्धारित करें और आगे बढ़ें । मुझे विश्वास है कि आप जरुर सफल होगें। Best of luck

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