शुक्रवार, 26 अप्रैल 2013

संकल्प शक्ति

दोस्तों , आज मैं आप से जिस topic पर बात करने जा रहा हूं वह है "संकल्प शक्ति" यानि कि will power.        
सबसे पहले मैं आपको संकल्प शक्ति के महत्व को प्रतिपादित करने वाली एक छोटी सी कहानी सुनाता हूं। आप राजा राम मोहन राय जी से भली भांति परिचित है जिन्होने तात्कालीक भारतीय समाज में विद्यमान अंधविश्वास तथा सामाजिक बुराईयों को खत्म करने के लिए 'ब्रह्मसमाज‘ की स्थापना की थी । जब मोहन राय छोटे थे तब उनके बड़े भाई की मृत्यु हो गई।उस समय उनकी भाभी को सती होने के लिए बाध्य किया गया। उन्हें धधकती ज्वालाओं में जिंदा झोंक दिया गया। बालक मोहन राय से जीवन का यह करूण विभत्स देखा न गया और उनके मन में एक विरोध की भावना उठी । उन्होनें संकल्प किया कि " जब तक इस पिशाचिनी प्रथा का अंत न कर दूंगा, चैन से नहीं बैठुंगा ।" और हम सब जानते हैं कि राजा राम मोहन राय के प्रयासों के फलस्वरुप सन् 1829 में सती प्रथा को दंडित और गैर कानूनी घोषित किया गया।
तो देखा दोस्तों आपने एक संकल्प शक्ति का कमाल। संकल्प शक्ति का ही दुसरा नाम इच्छा शक्ति भी है। एक विद्वान का कहना है कि " एक सफल व्यक्ति और सामान्य व्यक्ति के बीच जो फर्क होता है वह शक्ति और ज्ञान का नही है बल्कि इच्छा शक्ति का है । जब हम कोई काम करने ती इच्छा करते है तो शक्ति अपने आप आ जाती है। दरअसल मनुष्य में आत्मशक्ति की कमी नहीं होती है, कमी होती है तो केवल इच्छाशक्ति की। जिस व्यक्ति ने अपनी इच्छाशक्ति को प्रबल बना लिया समझ लिजिए उसने दुनिया का हर काम संभव कर लिया।
अगर आपने सोच लिया कि आप फलां काम में सफलता प्राप्त करके ही रहेंगें तो आपको उस काम को पूरा करने से कोई भी नहीं रोक सकता है। यदि आप डॉक्टर, इंजिनीयर, वकील, लेखक, खिलाड़ी, आदि बनने की इच्छा रखते है , तो अपनी सारी क्रियाओं  और शक्तियों को उसी दिशा में लगा दें। और फिर प्रत्येक काम में सफलता प्राप्त करें।किसी ने सही ही कहा है कि "अच्छे कामों के लिए ताकत की नहीं बल्कि इच्छा शक्ति की जरूरत होती है।"

कृपया अपने बहुमुल्य सुझाव और प्रतिक्रीयाएं जरुर दें जो मुझे बेहतर और बेहतर लिखने को प्रेरित करेंगी। धन्यवाद

गुरुवार, 18 अप्रैल 2013

Dr. abdul kalam Quote in Hindi


डॉ. अब्दुल कलाम के विचार दोस्तों , मैं आज आपके साथ डॉं APJ अब्दुल कलाम के कुछ बेहतरीन विचार साझा कर रहा हूं । इन्हें पढ़कर अपने चरित्र निर्माण में काम में लावें।

① शिक्षक एक सीढी के समान है,  जिस पर चढ़ कर उसके विद्यार्थी उन्नति के मार्ग पर आगे बढ़ जाते है,और सीढ़ी वहीं खडी रह जाती है,आने वाले विद्यार्थीयों के लिए।

② सफलता तभी संभव है , जब कर्तव्य के प्रति समर्पित हो।

③ हम अब तक जो कुछ करते आए है उससे आगे बढ़कर कुछ नया करने से प्रगति की राह बनती है।

④ साहित्य हमारी सोच को विकसित करता है।

⑤ तब तक सवाल करते रहो जब तक संतोष जनक जवाब न मिल जाए।

⑥ प्रतिदिन एक घंटा पुस्तकें पढ़ने में लगाइए और आप ज्ञान का भंडार बन जाएंगे।

⑦ जीवन का महत्व इस बात में है कि खुद कामयाबी हासिल करने से अधिक हम दुसरों को कामयाबी हासिल करने में मददगार हो।

⑧ सदाचार युक्त कठोर परिश्रम ही हमें समृध्द बना सकता है।

⑨ मन स्वस्थ है तो विचार भी स्वस्थ होंगे।

⑩ अनदेखे , अनजाने रास्तों पर चलने के लिए सदा तैयार रहना चाहिए।